अब जगी हुई आँखों से देखा करते है
सपने
नींद उखड़ी उस सच से
उखड़ी हुई नींद
सपना नहीं बुनती
नींद ही थी
जहां हम अपने आप से
सच्चे थे
जगी हुई आँखों में बोले
हुए सपने अपने बनाये
हुए से लगते है
जहाँ दिमाग को मरोड़
देते है
पर नींद वह क्या
नींद जो सपने दिखा न सके
वो भाषा कैसी भाषा
जो न कह सके -
देखो
सपने
नींद उखड़ी उस सच से
उखड़ी हुई नींद
सपना नहीं बुनती
नींद ही थी
जहां हम अपने आप से
सच्चे थे
जगी हुई आँखों में बोले
हुए सपने अपने बनाये
हुए से लगते है
जहाँ दिमाग को मरोड़
देते है
पर नींद वह क्या
नींद जो सपने दिखा न सके
वो भाषा कैसी भाषा
जो न कह सके -
देखो
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