विरह के बारे में एक गीत … लालसा के बारे में … गीत , रितुपर्णो घोष की रेनकोट के लिए एक मूल रचना , समकालीन सेटिंग में लोक विषयों के उपयोग का एक उदाहरण है। कहानी के नायक बिहार के ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर भागलपुर के हैं और इस प्रकार , गीत के शब्द उस क्षेत्र के दृश्यों और कहानियों से लिए गए हैं। शब्द ब्रज की छवियों को भी उद्घाटित करते हैं - " सघन सावन लायी , कदम बहार " । कदम वृक्ष की छाया में ही कृष्ण और राधा का प्रेम प्रस्फुटित हुआ। गुलज़ार जी यहाँ उस छवि को आकर्षित करते हैं और कहते हैं कि कदम का पेड़ मानसून में खिलता है ( प्रेमियों ने राधा - कृष्ण की तरह इसकी छाया ली ) । अगली पंक्ति " मथुरा से डोली लाये , चारो कहार " में कहार पुरुषों का उल्लेख करते हैं , जो मुख्य रूप से जलवाहक हैं और क्षेत्र के एक निम्न सामाजिक